
समर कैंप के दूसरे दिन हुआ बाल कवियों का चुनाव
🌷हुआ बाल कवियों का चुनाव
🌷दीवार अखबार का लोकार्पण हुआ
🌷पहाड़ा लिखो व अंग्रेजी लेखन प्रतियोगिताओं का हुआ आयोजन
🌷नुक्कड़ नाटक ‘मोबाइल टनटनाटन टन’ में बच्चों ने किया अभिनय
अल्मोड़ा। विभिन्न पदों पर चयन के लिए साक्षात्कार तो आपने सुना ही होगा। परंतु यहां कवि या कवयित्री बनने के लिए भी बच्चों को साक्षात्कार देना पड़ा। दरअसल भारत ज्ञान विज्ञान समिति अल्मोड़ा, बच्चों की पत्रिका बालप्रहरी तथा बालसाहित्य संस्थान अल्मोड़ा के संयुक्त तत्वावधान में जीजीआईसी अल्मोड़ा में समर कैंप के तहत आयोजित बाल कवि सम्मेलन के लिए कवियों के चुनाव के लिए आयोजकों को साक्षात्कार प्रकिया अपनानी पड़ी। इच्छुक बाल कवि एवं कवयित्रियों की अधिक संख्या को देखते हुए साक्षात्कार के तहत डांस कराया गया।
समर कैंप के दूसरे दिन बाल कवि तथा बाल कवयित्री बनने के लिए बच्चों ने मस्ती के साथ डांस प्रस्तुत किया। बाल कवि समम्मेलन के लिए संचालक,अध्यक्ष तथा मुख्य अतिथि बनने के लिए भी डांस करना पड़ा। उसके बाल सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति के बाद बच्चों ने खुले मतदान के आधार पर संचालक, अध्यक्ष तथा मुख्य अतिथि का चुनाव किया। बाल कवि सम्मेलन के संचालन के लिए चैतन्य बिष्ट, अध्यक्ष के लिए खुशी जोशी तथा मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि के लिए हर्षित कुमार, भक्ति उप्रेती व पीयूष जोशी को सबसे अधिक वोट मिलने पर चयन किया गया।
समर कैंप का शुभारंभ ‘‘मैं तुमको विश्वास दूं’’ समूह गीत से हुई। आज अध्यक्ष मंडल के लिए तनिष्का राज, भक्ति उप्रेती, ईशिका जोशी, दीपा रौतेला, मनीषा आर्या चुने गए। तनिष्का राज व चैतन्य बिष्ट ने प्रथम दिवस की रिपोर्ट प्रस्तुत की। दीवार अखबार का लोकार्पण अतिथियों द्वारा किया गया। आज संपन्न पहाड़ा लिखो प्रतियोगिता में प्रियांशु जोशी, अंग्रेजी लेखन प्रतियोगिता में वैष्णवी बगडवाल, हर्ष वर्धन सिराड़ी तथा प्रियांशु जोशी. क्रमशः प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त किया। इन सभी बच्चों को पुरस्कार में पुस्तकें अध्यक्ष बने बच्चों द्वारा दी गई।
बच्चों ने ‘तोता कहता है’, ‘जैसा में करूं’, ‘कितना बड़ा पहाड़’, ‘कितने भाई कितने’, ‘पिजा हट’ ,‘एक हाथ हिलता है’ तथा ‘बच्चे से बच्चा आदि खेलों में खूब मस्ती की। नुक्कड़ नाटक ‘मोबाइल टनटना टन टन’ के लिए सूत्रधार सहित विभिन्न पात्रों का चयन उनकी प्रस्तुति के आधार पर बच्चों द्वारा किया गया। नाटक के लिए मानसी सिजवाली, तनिष्का राज, नीलेश भट्ट, चेतना तिवारी, गीता तिवारी, उदिति तिवारी, नेहा परिहार, राघवेंद्र जनौटी, सागर स्यालकोटी, दीक्षांत मनराल, चैतन्य बिष्ट, भक्ति उप्रेती, दक्ष मनराल, बानी जोशी, प्रियांशु बिष्ट, दीपा रौतेला व ईशिका जोशी का चयन किया गया।
बच्चों को बालप्रहरी संपादक तथा कार्यशाला के मुख्य संयोजक उदय किरौला ने निबंध लेखन की बारीकियां बताई। निबंध सत्र के प्रारंभिक चरण में बच्चों ने निबंध के बारे में अपने-अपने विचार रखे। बाद में किरौला ने निबंध के बारे में बताते हुए कहा कि निबंध साहित्य की वह विधा है जिसके लेखन में कोई बंधन नहीं होताहै। उन्होंने कहा ‘नि’ का अर्थ नहीं तथा ‘बंध’ का आशय बंधन से है। पैन पर निबंध का उदाहरण देते हुए कहा कि किसी भी निबंध को लिखने के लिए उसकी पृष्ठभूमि, आकार-प्रकार, भाग, लाभ-हानि के बाद अंत में उपसंहार के साथ निबंध का सार लिखा जाना चाहिए। बच्चों ने पहले कार्यशाला के हाल में उपलब्ध वस्तुओं पर निबंध लिखे। बाद में ‘मेरे सपनों का अल्मोड़ा’ विषय पर निबंध अपनी हस्तलिखित पुस्तक के लिए तैयार किया।
बच्चों ने अपनी हस्तलिखित पुस्तक के लिए ‘मेरे सपनों का अल्मोड़ा’, चुटकुले, पहेलियां तथा कुमाउनी पहेली ‘आण’ तैयार किए। भारत ज्ञान विज्ञान समिति के प्रांतीय कोषाध्यक्ष प्रमोद तिवारी, उदय किरौला, जगदीश पाठक, राजेन्द्र प्रसाद ने बतौर संदर्भदाता बच्चों को गतिविधियां कराई। प्रकाश मेडिकल स्टोर अल्मोड़ा के सौजन्य से बच्चों को जलपान भी कराया गया।